KGN का मतलब क्या होता है? KGN Full Form in Hindi - KGN क्यों लिखते हैं?

स्वागत है दोस्तों आपका आजके एक और शानदार आर्टिकल में जहां पर हम जानेंगे की KGN Full Form in Hindi क्या होता है? KGN Meaning in Hindi क्या है और क्यों लोग अपनी गाड़ियों पर KGN लिखते हैं!

दोस्तों आप लोगों ने अक्सर देखा होगा की रोड पर चलने वाली बसें हों, ऑटो हो, कोई प्राइवेट या पब्लिक ट्रांसपोर्ट, अक्सर वहां पर KGN लिखा देखने के मिल जाता है तो अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है की ये KGN क्या है? किसका नाम है या इसका फुल फॉर्म क्या है, तो आइए जान लेते हैं।

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KGN Full Form in Hindi

KGN Full Form | KGN Full Form in Hindi

KGN का Full Form होता है "Khwaja Gareeb Nawaj" जिसे हम हिंदी में "ख्वाजा गरीब नवाज़" के नाम से जानते हैं, लेकिन क्या आपको इसका मतलब पता है? आइए जान लेते हैं - 

Khwaja Gareeb Nawaj

KGN Meaning in Hindi - KGN क्या होता है?

KGN का पूरा मतलब होता है ख्वाजा गरीब नवाज़ जिसका अर्थ है "गरीबों का मददगार", और इनको दुनिया के सबसे बड़े पीर (अल्लाह के सबसे प्यारे) में से माना जाता है। हर साल करोड़ों लोग इनकी दरगाह जो कि राजस्थान के अज़मेर में स्थित है, वहां पर जाते हैं और अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना और दुवाये करते हैं ।

KGN कौन थे?

ख़्वाजा साहब का पूरा नाम 'ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती' था। पहले के जमाने में किसी भी व्यक्ति का नाम के साथ उसके जन्मस्थान को भी जोड़ा जाता था, इस वजह से इनका नाम पड़ा "ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती" जिनकी मजार अजमेर शरीफ में है।

ख्वाजा साहब मोहम्मद साहब के खानदान के ही माने जाते हैं वैसे तो कभी भी अजमेर जाने पर आपको उनके कई किस्से सुनने को मिल जाएंगे लेकिन उनके बारे में एक किस्सा काफी मशहूर है, की वो बस चिश्त से भारत तक मुठ्ठी भर कच्चे चने लेकर निकले थे रास्ते में पेट भरने के लिए और ये कहा जाता है की वो पूरे रास्ते वही खाते रहे लेकिन भारत पहुंचने पर भी वो चने खत्म नही हुऐ।

इसका कारण ये बताया जाता है की वो ऊपर वाले के बहोत ही प्यारे थे इसलिए इनको पीरो के पीर यानी ख्वाजा साहब का लक़ब दिया गया।

KGN और पृथ्वी राज चौहान का किस्सा।

जब ख्वाजा साहब भारत आए वो बिना अपने किसी स्वार्थ के लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने में लग गए खासकर गरीब लोगों की मदद किया करते, चाहे वो किसी भी धर्म का हो मजहब का हो इस वजह से आज भी भारत के हिंदू, मुसलमान और दुनिया के अलग अलग देशों के लोग अजमेर उनकी दरगाह पर आते हैं और जब वे भारत में आकर लोगों की भलाई का काम कर रहे थे,

उस वक्त भारत में राजा पृथ्वी राज चौहान थे उन्होंने ख्वाजा साहब के बारे में काफी सुना था फिर एक रोज खुद उनसे मिलने उनकी झोपड़ी पर चले गए वो वहां उनके साथ बैठे और कुछ ही पलों में उनको आभास हुआ की ये इंसान कोई आम व्यक्ति नही जो लोगों की मदद कर रहा है, इसके बाद ख्वाजा साहब ने राजा साहब के परेशानी को भी हल कर दिया और हर किसी की भांति उनसे उनसे भी बदले में कुछ लेने से मना कर दिया।

पृथ्वीनराज चौहान ने देखा उनकी झोपड़ी पर केवल एक कटोरा, एक लाठी और एक चादर जिसपर वे सोते थे इसके अलावा और कुछ नही था ये देख उनकी आंखे भर आई फिर उन्होंने कहा "आप चाहे तो आप मेरे साथ मेरे राज महल में रह सकते हैं चलिए मैं आपको लेकर जाऊंगा!"

ख्वाजा साहब ने जवाब दिया "जी नही मुझे गरीबी पसंद है अगर मैं ऐशो आराम की जिंदगी गुजारू तो यहां के इन सारे गरीबों की पीड़ा मैं समझ नही सकूंगा इसलिए मैने ये गरीबी खुद चुनी, क्युकी मेरे नबी साहब को भी गरीबी ही पसंद थी इसलिए उन्होंने पूरी जिंदगी इसी में गुजार दी और उन्ही की कही एक बात है कि हिंदुस्तान को अल्लाह ने बहोत ही खास जगह बनाया है, मैने उनकी ये बात कहीं पढ़ी थी इसलिए मैं यहां आ गया।"

ये सब सुनकर पृथ्वीराज चौहान ने कहा वाकई मोइनुद्दीन आप भले व्यक्ति है और आपकी सीरत इतनी अच्छी है की दौलत नही चाहते कोई नाम शोहरत नही चाहते बस सबकी भलाई कर रहे हैं उसे ही अपना काम समझ कर, ये कहकर पृथ्वीराज चौहान ने उसी वक्त ख्वाजा साहब को ' हिंदुस्तान का राजा ' होने का लकब यानी उपाधि दी, ऐसा राजा जो खुद गरीबी में रहता है।

Conclusion

उम्मीद है आपको मेरी ये आर्टिकल KGN Full Form in Hindi के बारे जानकारी हो गई होगी और KGN से जुड़े सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा, यदि फिरभी आपके मन में KGN से जुड़ा कोई और प्रश्न हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं मैं उसका जवाब जरूर दूंगा, आपको मेरी ये आर्टिकल कैसी लगी कमेंट करके अपनी राय जरूर दीजियेगा, धन्यवाद।

||जय हिंद||

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